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shayari manoj kumar gorakhpur

प्यार करना भी मुमकिन हो ना सका साथ चलना भी मुमकिन हो ना सका उनके वादों पर उम्मीद अब ना यकीन मुझको रहा चाहत थी जिंदगी के सफर में हमसफर बनने की उनका साथ मिलना भी मुमकिन हो ना सका 1- शायरी की मस्ती       बातें खुद से करते हैं अकेले हम ना रहते हैं मुस्कुराने का बहाना हमने ढूंढ लिया है 2- घर की पेंटिंग .         मेरे हालात ऐसे हैं हर क्षण बेकरार रहता हूं तुम्हारा प्यार पाने को 3- हिन्दी गाना  .          जिंदगी मौज मस्ती में जीने का मौका मिला आपकी दया दृष्टि है बेरंग जिंदगी में रंग भर दिया 4- शायरी कांटों पर चलते-चलते तकलीफ में जीने की आदत हो गई है हम ऐसे इंसान नहीं है जो टूटकर बिखर जाएंगे चेहरे पर ऐसी मुस्कान मिलेगी देखकर समझ भी नहीं पाओगे मुझे कोई दर्द भी है सिर्फ अपनी भावनाओं को ऊपर रखने के बजाय दूसरों की गुणवत्ता पूर्ण बातों पर ध्यान देना चाहिए